शाहपुर आवास विकास कॉलोनी गीता वाटिका में 50 ऐसे लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनाने बड़ा घोटाला मिला

 

 

शाहपुर आवास विकास कॉलोनी गीता वाटिका में 50 ऐसे लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनाने के लिए 2 से 2.50 लाख रुपये दे दिए गए, जिनके पास अपनी या फिर सरकारी भूमि नहीं थी। जिस भूमि पर सभी आवास बनकर तैयार हो गए हैं, वह आवास विकास परिषद की है। आवास आयुक्त ने माना है कि यह निर्माण पूरी तरह से अवैध है। इस तरह सर्वे से लेकर आवास निर्माण के लिए धनराशि के आवंटन की पूरी प्रक्रिया सवालों के घेरे में है कि आखिर किस लाभ की चाहत में अफसरों ने आंख मूंद कर इस तरह से सरकारी धन का दुरुपयोग किया। आरटीआई के तहत प्राप्त जानकारी के मुताबिक, गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) और जिला प्रशासन ने शाहपुर आवास विकास कॉलोनी गीता वाटिका में 24 लोगों को पट्टा आवंटित किया था, लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 60 लोगों को घर निर्माण के लिए धनराशि दे दी गई। इस पर आवास विकास कॉलोनी के ए-36 निवासी राकेश कुमार ने आपत्ति की। राकेश कुमार का आरोप था कि जिन लोगों के पास अपनी या फिर सरकारी भूमि नहीं थी, उन्हें भी गलत तरीके से इस योजना में शामिल किया गया। राकेश ने आरटीआई के तहत आवास आवंटन की सूचना भी मांगी। डूडा के अफसरों ने लंबे समय तक मामला लटकाए रखा। इससे परेशान राकेश ने राज्य सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया।



राज्य सूचना आयुक्त के हस्तक्षेप के बाद ही डूडा के परियोजना अधिकारी तेज कुमार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत रकम जारी करने की सूचना 4 जनवरी 2020 को दी। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद अब जिला प्रशासन और जीडीए को आगे कार्रवाई करनी है। ऐसा हुआ तो योजना के तहत बने सभी मकान ढहाने पड़ेंगे। सरकारी भूमि पर घर निर्माण की जानकारी डूडा के अफसरों को भी थी, इसके बावजूद मनमानी की गई। नियमानुसार, अपनी भूमि होने पर ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनाने के लिए धनराशि मिल सकती है।

इस संबंध में परियोजना प्रबंधक डूडा तेज कुमार का कहना है कि हाउस टैक्स और बिजली बिल के आधार पर आवंटन किए गए हैं। जिन लोगों को पट्टा मिला था, उनके बच्चे बड़े हो गए। सब अलग-अलग हुए तो बड़े मकान की जरूरत पड़ी। शहरी क्षेत्र में 70 फीसदी लोगों के पास भूमि के मालिकाना हक से संबंधित दस्तावेज नहीं हैं। फर्जीवाड़े के आरोप निराधार हैं।

उधर, मुख्य अभियंता बिजली निगम देवेंद्र सिंह का कहना है कि मामले की जांच कराएंगे। यदि कनेक्शन देने में गड़बड़ी हुई तो उसे निलंबित करने की संस्तुति की जाएगी। दोषी कर्मचारी या फिर अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई भी होगी। सरकारी भूमि पर गलत तरीके से कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। 



लाभार्थियों की सूची में एक ही परिवार के कई लोग


धांधली का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक ही परिवार के कई लोगों को योजना के तहत लाभ दिए गए। सालिक राम, शशि कपूर, ऋषि, प्रियंका, राजू और माया एक ही परिवार से संबंधित हैं। नियमानुसार, यह गलत है।

फर्जीवाड़े को सरकारी सिस्टम का सहारा
योजना के तहत आवंटन में फर्जीवाड़े के लिए सरकारी सिस्टम का सहारा लिया गया। आवास विकास परिषद की भूमि पर गलत तरीके से रहने वालों ने पहले सांठगांठ कर बिजली कनेक्शन लिया, फिर नगर निगम में हाउस टैक्स जमा करने की रसीद बनवा ली। बिजली बिल और हाउस टैक्स की रसीद डूडा को दिया, फिर अफसरों ने आवास आवंटित कर दिए। सर्वे की औपचारिकता पूरी नहीं की गई।      

जिनके नाम भूमि का पट्टा, उसमें से 14 को नहीं मिला आवास
जीडीए और जिलाधिकारी ने जिन 24 लोगों को पीएम आवास योजना का पट्टा आवंटित किया था, उसमें से 14 को लाभ नहीं मिला है। इसके लिए उन्होंने मशक्कत भी की, पर लाभ नहीं मिल सका। शिव कुमार, बिजली, ओम प्रकाश, जुगनू, संजू, राकेश, सुभाष, चंदा देवी, अवधेश, शंभू, शिव कुमार, पार्वती देवी, सुनीता और छोटेलाल ने दौड़भाग भी की, लेकिन घर बनाने के लिए पैसा नहीं मिल सका। आरटीआई के तहत डूडा अधिकारी तेज कुमार ने जो सूचना दी है, उसके मुताबिक भूमि का पट्टा पाने वाले 10 लोगों को ही पीएम आवास योजना के तहत लाभ मिला है। इसमें मनोज, छैला, बेबी, सुनील, नंदलाल, मनोज, सोनू, संतोष, सालिक राम और प्रभावती का नाम शामिल है।